Israel War: हमास के चंगुल में पोती, मदद के लिए भटक रही बुजुर्ग; अधिकारियों के घर के सामने रातें काटने को मजबूर

डवोरा लेशेम नाम की बुजुर्ग महिला गाजा पट्टी में हमास द्वारा बंधक बनाई गई अपनी पोती रोमी गोनेन को घर वापस लाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वह मोमबत्ती नहीं जलाएंगी और कैबिनेट के अधिकारियों के घरों के सामने खड़ी रहेंगी।

इस्राइल और हमास के बीच दो महीने से अधिक समय से संघर्ष जारी है। सात अक्तूबर को आतंकियों ने इस्राइल पर हमला कर कई सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया था। अपने लोगों को वापस घर लाने के लिए हर कोई अपनी तरह से कोशिश में लगा हुआ है। इस्राइल के सुरक्षा बल भी हर ताकत आजमा रहे हैं। अब इस बीच, 87 साल की एक बुजुर्ग महिला का दर्द सामने आया है। उसने हनुका की आठ रातों को हर दिन एक अलग नेता के घर के सामने खड़े होकर बिता दी। दरअसल, महिला की पोती हमास के कब्जे में है, उसे छुड़ाने के लिए वह सबसे मदद की गुहार लगा रही है।

क्या है हनुका?
बता दें, हनुका को ‘रोशनी का त्योहार’ भी कहा जाता है। इतना ही नहीं, इसे यहूदियों का क्रिसमस भी कहा जाता है। यह इस साल 10 दिसंबर की शाम से 18 दिसंबर तक मनाया जा रहा है।

पोती को वापस लाने… 
डवोरा लेशेम नाम की बुजुर्ग महिला गाजा पट्टी में हमास द्वारा बंधक बनाई गई अपनी पोती रोमी गोनेन को घर वापस लाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं मोमबत्ती नहीं जलाऊंगी और कैबिनेट के अधिकारियों के घरों के सामने खड़ी होती रहूंगी। मैं चाहती हूं कि मेरी पोती को वापस लाना सुनिश्चित किया जाए और अन्य बंधकों को वापस लाएं ताकि हम खुश रह सकें और हनुक्का को ठीक से मनाएं।’

रक्षा मंत्री से की मुलाकात
लेशेम ने इस्राइली रक्षा मंत्री से उनके घर के सामने मुलाकात की। साथ ही एक और कैबिनेट अधिकारी से बात की। उनसे आग्रह किया कि जल्द से जल्द बंधकों को छुड़ाएं।

हाथ में लगी थी गोली
बता दें, हमास ने सात अक्तूबर को जब इस्राइल में आयोजित एक डांस समारोह में हमला किया था, उसी में 23 साल की गोनेन भी शामिल हुई थी। अंतिम बार उसे वहीं देखा गया था, उसके बाद से उसका कोई पता नहीं लगा। इस हमले के दौरान गोनेन अपने दोस्त के साथ झाड़ियों में छिप गई थी। बाद में वह वहां से निकलने के लिए कार के पास पहुंचे, लेकिन उसके दोस्त को गोली मार दी गई, जिससे उसकी मौत हो गई। वहीं गोनेन को हाथ में गोली लगी थी।

फोन पर सुनी यह बात
इस पूरी घटना के समय वह परिवार के साथ फोन पर बात कर रही थी। बुजुर्ग महिला ने बताया कि उन्होंने फोन पर दो लोगों को बात करते सुना था कि वह उसे मार दें या साथ ले जाएं। बाद में साथ ले जाने का फैसला लिया क्योंकि वह सांस ले रही थी। वे उसे ले जाने लगे और थोड़ी देर बाद सिर्फ एक आवाज आई ‘हाय मम्मी’। उसके बाद अभी तक उसका कोई पता नहीं लगा है।

एक दिसंबर को समाप्त हुए एक सप्ताह के संघर्ष विराम में 100 से अधिक बंधकों को मुक्त कराया गया था। तब से लड़ाई फिर से शुरू हो गई है।

यह है मामला
गौरतलब है, हमास ने सात अक्तूबर को इस्राइल पर हमला कर करीब 240 लोगों को बंधक बना लिया था। वहीं 1200 लोग मारे गए। वहीं इस्राइल की जवाबी कार्रवाई में गाजा पट्टी में 15000 से अधिक लोग मारे गए। अब संघर्ष विराम समझौते के तहत 60 इस्राइली बंधकों और 180 फलस्तीनी कैदियों को रिहा कर दिया गया है। हालांकि, समझौते के तहत हमास द्वारा बंधक बनाए गए सैनिकों को बाहर रखा गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि आतंकी समूह सैनिकों का इस्तेमाल किसी बड़े सौदे के रूप में कर सकते हैं।

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