Harvard: अमेरिका में ‘यहूदी विरोध’ पर रार; हार्वर्ड बोर्ड ने विश्वविद्यालय की महिला अध्यक्ष का समर्थन किया

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इस्राइल और हमास के हिंसक संघर्ष के बीच दुनिया के कई हिस्सों में यहूदी विरोध की घटनाएं सामने आई हैं। अमेरिका में ऐसे ही विरोध की आंच हार्वर्ड विश्वविद्यालय तक पहुंच गई है। विवाद बढ़ने के बीच हार्वर्ड बोर्ड विश्वविद्यालय अध्यक्ष के समर्थन में है।

पश्चिम एशिया या मध्य पूर्व में इस्राइल और हमास के हिंसक संघर्ष में 18 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। गाजा पट्टी पर अंधाधुंध गोलाबारी के कारण 50 हजार से अधिक लोग घायल भी हुए हैं। इस अभूतपूर्व मानवीय संकट के साथ-साथ दूसरे देशों में यहूदी विरोध (antisemitism) की घटनाएं भी चिंता का सबब हैं। ताजा मामला अमेरिकी यूनिवर्सिटी में यहूदी विरोध का है। दरअसल, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी परिसर में ‘यहूदी लोगों के नरसंहार का आह्वान’ किए जाने की खबरों पर विवाद हो रहा है। विवाद होने के बावजूद इस मामले में हार्वर्ड बोर्ड विश्वविद्यालय महिला अध्यक्ष क्लॉडाइन गे के साथ खड़ा है। उनके साथ दूसरी यूनिवर्सिटिज के अध्यक्षों ने भी निंदा नहीं की है।

यहूदी विरोध की स्पष्ट निंदा न करने से उपजा विवाद
इस मामले में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक हार्वर्ड  परिसर में यहूदी नरसंहार का आह्वान ‘डराने-धमकाने के साथ-साथ उत्पीड़न’ (bullying and harassment) का प्रयास था, विश्वविद्यालय अध्यक्ष क्लॉडाइन गे इस बात को स्वीकार करने और स्पष्ट निंदा करने में नाकाम रहीं। विवाद बढ़ने के बावजूद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के गवर्निंग बोर्ड ने मंगलवार को गे के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। बता दें कि हार्वर्ड बोर्ड के प्रमुख को आइवी लीग स्कूल का अध्यक्ष भी कहा जाता है। बोर्ड ने यहूदी विरोधी भावना पर पिछले हफ्ते कांग्रेस की सुनवाई के बाद अपने समर्थन की घोषणा की।

11 सदस्यीय बोर्ड ने कहा- महिला नेता पर मजबूत हुआ भरोसा
पूरे विवाद के बीच विश्वविद्यालय के शासी निकाय- हार्वर्ड कॉरपोरेशन ने एक बयान जारी किया। हार्वर्ड ने कहा, हार्वर्ड के अध्यक्ष क्लॉडाइन गे का नेतृत्व आने वाले समय में भी जारी रहेगा। बयान में कहा गया,  अध्यक्ष क्लॉडाइन गे फिलहाल विश्वविद्यालय समुदाय के संचालन और गंभीर सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने में मदद करने के लिए सबसे सही नेता हैं। क्लॉडाइन गे के निरंतर नेतृत्व के लिए अपने समर्थन की पुष्टि करते हुए 11-सदस्यीय बोर्ड ने कहा, व्यापक विचार-विमर्श के बाद हमारा यह भरोसा और पुख्ता हुआ है।

इस्तीफे की मांग के साथ मजबूत समर्थन भी
गौरतलब है कि कुछ दानदाताओं, पूर्व छात्रों और अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने क्लॉडाइन गे से इस्तीफा देने की मांग की। पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में उनके साथी आइवी लीग अध्यक्ष लिज़ मैगिल ने पिछले सप्ताह पद छोड़ा था। हालांकि, हार्वर्ड के कई संकाय और अन्य पूर्व छात्र क्लॉडाइन गे के बचाव में उतर पड़े। इन लोगों ने हार्वर्ड के शासी निकाय से भी उनका समर्थन करने को कहा।

विश्वविद्यालय के तीन अधिकारियों पर विवाद
अमेरिका में ‘यहूदी विरोध’ की घटना के बीच पिछले हफ्ते अमेरिकी कांग्रेस यानी प्रतिनिधि सभा में सुनवाई के दौरान सार्वजनिक आक्रोश बढ़ने की खबरें सामने आई थीं। बीते सात अक्तूबर को इस्राइल में हमास के आतंकी हमलों के बाद अमेरिकी कॉलेजों के कैंपस में विरोध प्रदर्शन से निपटने के तरीकों को लेकर प्रशासन की आलोचना हो रही है। क्या यहूदियों के नरसंहार का आह्वान धमकी और उत्पीड़न के दायरे में विश्वविद्यालय की आचार संहिता का उल्लंघन है? इस सवाल पर तीन विश्वविद्यालयों के अध्यक्षों ने सीधा हां/नहीं का जवाब देने से इनकार कर दिया।

हार्वर्ड में ‘खुले विचारों और अकादमिक आजादी’ को बढ़ावा
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के क्लॉडाइन गे, लिज़ मैगिल और सैली कोर्नब्लथ ने अमेरिकी कांग्रेस में सुनवाई के दौरान सांसदों से कहा, बयानों का संदर्भ महत्वपूर्ण है। उन्हें ‘स्वतंत्र भाषण’ पर ध्यान रखना होगा। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार हार्वर्ड के छात्र समाचार पत्र के साथ साक्षात्कार के दौरान महिला अध्यक्ष गे ने अपनी टिप्पणी के लिए माफ़ी भी मांगी। विवाद के बीच हार्वर्ड कॉरपोरेशन ने अध्यक्ष क्लॉडाइन गे के समर्थन में जारी बयान में कहा, हार्वर्ड खुले प्रवचन और अकादमिक स्वतंत्रता का समर्थक है। हम इस बात पर एकजुट हैं कि विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ हिंसा और कक्षा में किसी भी तरह का व्यवधान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

दोनों पक्षों से विरोध झेल रहे विश्वविद्यालय
अमेरिकी विश्वविद्यालय के अधिकारियों को यहूदी समुदायों के साथ-साथ फलस्तीनी समूह का आक्रोश भी झेलना पड़ रहा है। नाराजगी जताने वाले यहूदी समुदाय ने आरोप लगाया गया है कि विश्वविद्यालय परिसर में ‘यहूदी विरोधी भावना को बर्दाश्त किया जा रहा है।’ दूसरी तरफ फलस्तीन का समर्थन करने वाले पक्ष का आरोप है कि यूनिवर्सिटी या तो उनके मकसद के प्रति तटस्थ हैं या उनका विरोध किया जा रहा है।

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