Bhajan Lal Sharma: चुनाव के पहले ही तय था मुख्यमंत्री का नाम, सनातन पर हमलों के बीच ब्राह्मणों को मिला ये इनाम
राजस्थान भाजपा की प्रवक्ता पूजा कपिल मिश्रा ने अमर उजाला से कहा कि भजन लाल शर्मा चार बार संगठन के मंत्री रह चुके हैं। वे राज्य में पार्टी को निचले स्तर तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका अदा कर चुके हैं। संभव है कि केंद्र सरकार ने उन्हें उनके इसी काम का इनाम दिया है…
भजनलाल शर्मा को राजस्थान के नए मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में चुन लिया गया है। भाजपा विधायक दल की बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर चुन लिया गया। राजस्थान भाजपा के नेताओं का भी मानना है कि भजन लाल शर्मा को चुनाव लड़ाने से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय कर लिया था, क्योंकि सांगानेर की जिस विधानसभा सीट से उन्हें चुनाव लड़वाया गया था, वह पारंपरिक तौर पर भाजपा की सीट रही है और वहां से उसके विधायक लगातार जीतते रहे हैं। भजनलाल शर्मा को एक बेहद सुरक्षित सीट से चुनावी मैदान में उतारना एक सोची समझी रणनीति का नतीजा माना जा रहा है। राजस्थान में लगभग 18 फीसदी ब्राह्मण आबादी भी भजनलाल शर्मा के चुनाव का प्रमुख आधार बनी है।
राजस्थान भाजपा की प्रवक्ता पूजा कपिल मिश्रा ने अमर उजाला से कहा कि भजन लाल शर्मा चार बार संगठन के मंत्री रह चुके हैं। वे राज्य में पार्टी को निचले स्तर तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका अदा कर चुके हैं। संभव है कि केंद्र सरकार ने उन्हें उनके इसी काम का इनाम दिया है। संगठन के एक व्यक्ति को राज्य चलाने की जिम्मेदारी देकर भाजपा ने यह भी साफ कर दिया है कि वह राजस्थान और पड़ोसी राज्यों में संगठन की भूमिका बढ़ाना चाहती है।
राजस्थान में ब्राह्मणों की आबादी लगभग 18 फ़ीसदी मानी जाती है। वह यहां के प्रभावशाली वर्ग में गिना जाता है। यही कारण है कि भजन लाल शर्मा के रूप में एक मजबूत चेहरे को मौका देकर पार्टी ने इस मजबूत वोट बैंक को मजबूती के साथ अपने साथ जोड़ने का काम किया है। अगले चार महीने के अंदर होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका फायदा मिल सकता है।