8 June 2025

Uttarakhand Weather: पहाड़ी इलाकों में बदला मौसम, यमुनोत्री और औली में बर्फबारी, निचले इलाकों में बढ़ी ठंड

1 min read

Uttarakhand Weather Update: उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले के कुछ इलाकों में हल्की बारिश होने की संभावना है।

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में मंगलवार को दोपहर बाद मौसम ने करवट बदली। यमुनोत्री धाम सहित खरशाली गांव, जानकीचट्टी, नारायण पुरी में बर्फबारी हुई। उधर, औली में भी बर्फबारी से मौसम सुहावना हो गया। औली का तापमान अधिकतम नौ डिग्री और न्यूनतम माइनस दो है। बदरीनाथ धाम में तापमान अधिकतम तीन डिग्री और न्यूनतम माइनस चार पहुंच गया है। जोशीमठ का तापमान अधिकतम 12 डिग्री और न्यूनतम सात डिग्री। केदारनाथ में भी तापमान माइनस सात डिग्री तक पहुंच गया है। वहीं, पहाड़ों में बर्फबारी के बाद मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ गई है।

ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का अलर्ट

उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले के कुछ इलाकों में हल्की बारिश होने की संभावना है। जबकि, तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है।

मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार, प्रदेशभर में 12 दिसंबर को आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। जबकि, सुबह के समय मैदानी इलाकों में कोहरा छाया रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा, दिसंबर की शुरुआत में हुई हल्की बारिश व बर्फबारी से तापमान में गिरावट आई थी।

उसके बाद करीब एक सप्ताह तक प्रदेशभर का अधिकतम तापमान एक-दो डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया। ऐसे में मंगलवार को ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम बदलने के आसार हैं। पर्वतीय जिलों में बारिश व बर्फबारी होने से मैदानी इलाकों के भी तापमान में गिरावट आएगी।
 

बर्फबारी के लिए विंटर बारिश का होना जरूरी

बर्फबारी होने के लिए विंटर बारिश का होना बहुत जरूरी है। लेकिन, नवंबर से लेकर अभी तक कुछ दिनों को छोड़ प्रदेश के किसी भी जिले में खास बारिश नहीं हुई। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है बीते साल भी विंटर बारिश न होने की वजह से पर्वतीय जिलों में नवंबर व दिसंबर में बहुत कम बर्फबारी देखने को मिली थी।

12 दिसंबर को अगर पर्वतीय जिलों में विंटर बारिश के अच्छे आंकड़े दर्ज किए गए तो यह बर्फबारी के लिए अच्छा होगा। इससे ग्लेशियर रीचार्ज होने के साथ नदियों का जलस्तर भी बढ़ेगा। उसका सीधा असर आने वाले दिनों के तापमान पर पड़ेगा।