8 June 2025

केदारनाथ-तोषी-त्रियुगीनारायण मार्ग: दल ने किया पांडवकालीन रास्ते का सर्वेक्षण, यात्रा संचालन के लिए बताया ठीक

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बीते 3 नवंबर को केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल के नेतृत्व में 16 सदस्यीय दल वैकल्पिक मार्ग के सर्वेक्षण के लिए रवाना हुआ था।

Kedarnath-Toshi-Triyuginarayan Marg team conducted survey Pandava era alternative route

केदारनाथ की पैदल यात्रा को सुरक्षित, सरल और सुलभ बनाने के लिए तोषी-त्रियुगीनारायण-केदारनाथ वैकल्पिक मार्ग के रूप में विकसित करने के लिए कवायद शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री के विशेष सलाहकार कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल के नेतृत्व में 16 सदस्यीय दल ने केदारनाथ से त्रियुगीनारायण तक इस मार्ग का स्थलीय सर्वेक्षण किया है। दल का कहना है कि यह मार्ग भूस्खलन व भूधंसाव से पूरी तरह से सुरक्षित है और आने वाले समय में यह केदारनाथ यात्रा पर आने वाले यात्रियों की पहली पसंद बन सकता है। मार्ग की स्थिति के बारे में सीएम को रिपोर्ट दी जाएगी।

बीते 3 नवंबर को केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल के नेतृत्व में 16 सदस्यीय दल वैकल्पिक मार्ग के सर्वेक्षण के लिए रवाना हुआ था। धाम से यह दल गरुड़चट्टी होते हुए सात किमी पैदल चलते हुए रात्रि प्रवास के लिए गुमकूड़ा पहुंचा था। अगली सुबह दल ने इस पूरे क्षेत्र का अवलोकन किया और आगे बढ़ते हुए 4 नवंबर को तोषी गांव होते हुए त्रियुगीनारायण पहुंचा। दल का कहना है कि यह मार्ग पैदल यात्रा संचालन के लिए मुफीद है। इस मार्ग पर भूस्खलन व भूधंसाव की दृष्टि से काफी सुरक्षित है।

दल का नेतृत्व करने वाले कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल का कहना है कि यह रास्ता पूरी तरह से सुरक्षित है। साथ ही इसे विकसित करने के लिए बहुत ज्यादा बजट की आवश्यकता भी नहीं है। अगर पूर्व में ही इस रास्ते को दुरुस्त किया जाता, तो जून 2013 की केदारनाथ आपदा में हजारों लोगों की जान नहीं जाती। उन्होंने बताया कि केदारनाथ तक सुरक्षित पहुंच के लिए केदारनाथ-तोषी-त्रियुगीनारायण पैदल मार्ग को वैकल्पिक मार्ग की वर्तमान स्थिति और भावी संभावनाओं को लेकर शासन और मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

Kedarnath-Toshi-Triyuginarayan Marg team conducted survey Pandava era alternative route
उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में केदारनाथ-तोषी-त्रियुगीनारायण और चौमासी-खाम बुग्याल-रेकाधार-केदारनाथ वैकल्पिक मार्ग को विकसित करने की जरूरत है। बता दें कि बीते अगस्त माह में त्रियुगीनारायण व तोषी के चार युवाओं ने भी केदारनाथ-तोषी-त्रियुगीनारायण मार्ग का सर्वे किया था। तब, दल में शामिल गीताराम सेमवाल ने बताया कि रास्ता पूरी तरह से सुरक्षित है और इस पर चढ़ाई भी कम है।

16 सदस्यीय दल में सेवानिवृत्त कैंप्टर कुंवर सिंह, सेवानिवृत्त सूबेदार मनोज सेमवाल, सेवानिवृत्त हवलदार रणजीत सिंह नेगी, पूर्णानंद भट्ट, प्रेमदत्त गोस्वामी, अतुल जमलोकी, धर्मेश नौटियाल, आशीष राणा, मानवेंद्र गैरोला आदि शामिल थे।

पांडवकालीन है यह मार्ग
कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल ने दल में शामिल कई लोगों के हवाले से बताया कि केदारनाथ-तोषी-त्रियुगीनारायण पैदल मार्ग पांडवकालीन है। इस मार्ग पर कुछ स्थानों पर पत्थर की चट्टानें मिली हैं, जिसमें कटवा पत्थर निकाला गया है। उन्होंने तोषी व त्रियुगीनारायण के बुजुर्ग लोगों से बातचीत के आधार पर बताया कि पांडवों ने केदारनाथ में मंदिर निर्माण में इसी क्षेत्र से पत्थर निकाले और उन्हें तराशा और इस रास्ते से मंदिर तक पहुंचाया।