Chardham Yatra 2024: यात्रा से पहले तैयारियों की होगी मॉक ड्रिल, एकजुटता से काम करेगा पूरा सरकारी तंत्र

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राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने चारधाम यात्रा तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान कहा गया कि

सभी परिस्थितियों में पूरा सरकारी तंत्र एकजुटता से काम करेगा।

Chardham Yatra 2024 mock drill preparation will before Chardham Yatra Uttarakhand News in hindi

चारधाम यात्रा से पहले राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) मिलकर तैयारियों की मॉक ड्रिल करेगा। इस दौरान जहां भी कमियां सामने आएंगी, उनका तत्काल समाधान किया जाएगा।

चारधाम यात्रा के लिए आगामी 30 अप्रैल को एनडीएमए की ओर से टेबल टॉप एक्सरसाइज और दो मई को मॉक ड्रिल के बारे में मंगलवार को ओरिएंटेशन तथा कोआर्डिनेशन कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस ऑनलाइन कांफ्रेंस में यात्रा मार्ग स्थित जिलों के जिलाधिकारी और आर्मी, आईटीबीपी के साथ ही 28 विभागों के 200 से अधिक अधिकारियों तथा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कांफ्रेंस में एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने चारधाम यात्रा के सफल संचालन को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए और एक्सरसाइज के उद्देश्यों के बारे में बताया।

मेजर जनरल सुधीर बहल ने कहा कि यात्रा के सफल संचालन में आपदा प्रबंधन विभाग, जिला प्रशासन, भारतीय सेना, आईटीबीपी, पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, लोक निर्माण विभाग, जीएमवीएन, वन, पर्यटन, सूचना एवं लोक संपर्क विभाग आदि विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका है। किसी आपात स्थिति में सभी विभागों के बीच बेहतर सामंजस्य हो, इसी उद्देश्य से टेबल टॉप एक्सरसाइज और मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है।

यात्रा मार्ग के सभी जिलों में होगी एक्सरसाइज
यह एक्सरसाइज यात्रा मार्ग के सभी जिलों में होगी। खराब मौसम, बाढ़ तथा भूस्खलन, भूकंप, अग्निकांड, हिमस्खलन, बर्फबारी, भारी वर्षा, हेलीकॉप्टर तथा रोड एक्सीडेंट, भगदड़ आदि आपदाओं के दौरान विभिन्न विभाग किस तरह से राहत और बचाव कार्य करेंगे, इसकी तैयारी को मॉक एक्सरसाइज कर परखा जाएगा। यदि कहीं कोई तकनीकी या अन्य दिक्कत आएगी तो उसका तुरंत समाधान किया जाएगा ताकि यात्रा के दौरान कहीं किसी भी स्तर पर कोई कमी न रहे।

उन्होंने कहा कि इस एक्सरसाइज से यह जानना और समझना आसान हो जाएगा कि विभिन्न स्तरों पर सर्च एंड रेस्क्यू का प्रबंधन, स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति, आर्मी तथा पुलिस बल की तैनाती, मौसम की निगरानी तथा चेतावनी, रिलीफ कैंपों की स्थिति, राहत और बचाव कार्य, भीड़ तथा ट्रैफिक प्रबंधन, संचार साधनों की वास्तविक स्थिति तथा विभिन्न विभागों के बीच आपसी समन्वय कैसा है। उन्होंने किसी भी आपातकालीन स्थिति में आईआरएस यानी इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने सभी विभागों को संसाधनों की मैपिंग करने के लिए भी कहा।

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