उत्तराखंड: ठंड से बचाव को उच्च हिमालय क्षेत्र से निचले इलाकों में पहुंचे हिमालयन थार, झुंड में कर रहे विचरण

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Uttarakhand News: बीते एक माह से चोपता, तुंगनाथ सहित आसपास के क्षेत्र में हिमालय थार समूह में विचरण कर रहे हैं, जो यहां पहुंच रहे पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र भी बने हैं।

Himalayan Thar reached lower areas from high Himalayan region to escape cold

ठंड से बचने के लिए हिमालय थार, उच्च हिमालय क्षेत्र से निचले इलाकों में पहुंच गए हैं। इन दिनों तुंगनाथ व चोपता क्षेत्र में हिमालय थार झुंड में विचरण कर रहे हैं। अगले चार माह तक यह वन्य जीव इन स्थानों पर रहते हुए अपने वंश को भी बढ़ाएंगे। कोरोनाकाल के बाद से इस जीव का कुनबा बढ़ा है।

समुद्रतल से 14,000 से 16,000 फीट की ऊंचाई पर प्रवास करने वाले वन्य जीव हिमालयन थार ठंड से बचने और भोजन के लिए दिसंबर के अंत में निचले क्षेत्रों में पहुंचते हैं। यह मार्च माह तक आठ से 12 हजार फीट की ऊंचाई तक प्रवास करते हैं। जैसे ही अप्रैल में मौसम अनुकूल होता है, यह वन्य जीव फिर ऊंचाई वाले अपने मूल स्थानों

की तरफ चले जाते हैं।
मक्कू गांव निवासी व पक्षी विशेषज्ञ यशपाल सिंह नेगी ने बताया कि नर थार उच्च हिमालय में 16,000 फीट ऊंचाई वाले क्षेत्रों में प्रवास करता है। जहां इसका प्रिय भोजन ब्रह्मकमल होता है, लेकिन शीतकाल शुरू होते ही इस जानवर के लिए भोजन की कमी होने लगती है। साथ ही रात को गिरते अत्यधिक पाला व समय-समय पर बर्फबारी से ठंड बढ़ने के कारण यह 12,000 फीट ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आ जाता है।

जनवरी से मार्च माह हिमालय थार का प्रजनन काल भी होता है। इधर, रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के डीएफओ अभिमन्यु ने बताया कि इन दिनों चोपता, तुंगनाथ और उसके आसपास के वन क्षेत्र में हिमालय थार काफी संख्या में विचरण कर रहे हैं। इन वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए रेंज अधिकारियों को निरंतर गश्त के निर्देश दिए गए हैं।

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