Jyotish Mahakumbh: राज्यपाल ने कहा- ज्योतिष ही विज्ञान…इसके शोध को वैज्ञानिकता से स्थापित करें
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ब्रह्मांड में जाने का रास्ता ज्योतिष से होकर गुजरता है। ज्योतिष ही विज्ञान है। बस हमें इसके शोध को वैज्ञानिकता से स्थापित करने की जरूरत है। सातवें अमर उजाला- ग्राफिक एरा ज्योतिष महाकुंभ में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा, आज पूरी दुनिया हमारी तरफ देख रही है। इसी ज्ञान-विज्ञान के दम पर भारत देश 2047 तक विश्व गुरु बनेगा।
शनिवार को ग्राफिक एरा विवि के कन्वेंशन सेंटर हॉल में आयोजित ज्योतिष महाकुंभ की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चारण से हुई। राज्यपाल ने सभी ज्योतिषियों से आह्वान किया कि भारत के वर्ष 2047 तक विश्व गुरु बनने की दिशा में हम सबकी संयुक्त जिम्मेदारी इसके लिए जरूरी है कि हम अपने काम, अपने मूल्यों को जानें।
कहा, ज्योतिषियों की जिम्मेदारी है कि वे हर नागरिक को इसके लिए जागरूक करें। कहा, आज पूरा विश्व हमारी ओर देख रहा है। सभी यहां के अध्यात्म, पवित्रता, शुद्धता को समझना चाहते हैं। कहा, आज हम पूरी लगन से ये नहीं कहते कि ज्योतिष ही विज्ञान है। हमें ज्योतिष में शोध करके इस वैज्ञानिक तौर पर स्थापित करना होगा। कहा, यह बताना होगा कि ज्योतिष कोई कथा- कहानी नहीं है। यह शुद्ध रूप से विज्ञान है। कहा, यह एक प्राचीन विज्ञान है, जो आज भी उतना ही सामयिक है, जितना पुराने समय में होता था। कहा, इसके लिए उन सभी विद्वानों को याद करना चाहिए, जिन्होंने इस विधा को सहेजा और समृद्ध किया। कहा, दो दिन के इस महाकुंभ में मंथन से जो अमृत निकलेगा, वह पूरे ब्रह्मांड, सनातन और राष्ट्र के लिए लाभकारी होगा। इस मौके पर ग्राफिक एरा ग्रुप के अध्यक्ष प्रो. डॉ. कमल घनशाला, गुरुकुल कांगड़ी विवि के कुलाधिपति डॉ. सत्यपाल सिंह, देवसंस्कृति विवि के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पांड्या, केए दुबे पद्मश, संजीव श्रीवास्तव, डॉ. एचएस रावत, पंडित पुरुषोत्तम गौड़, पंडित जय गोविंद शास्त्री समेत तमाम ज्योतिषी मौजूद रहे।
फेलोशिप कार्यक्रम की घोषणा: अमर उजाला ज्योतिष महाकुंभ के मंच से ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के चेयरमैन डॉ. कमल घनशाला ने फेलोशिप कार्यक्रम की घोषणा की। पंडित खींवराज शर्मा को फेलोशिप कार्यक्रम के लिए दो लाख रुपये की राशि से सम्मानित किया। डॉ. कमल घनशाला ने बताया, हर साल इस कार्यक्रम के लिए विशेषज्ञों की टीम एक ज्योतिषी का चयन करेगी और वह ज्योतिष इस क्षेत्र में शोध कार्य करेंगे। डॉ. कमल घनशाला ने कहा, ज्योतिष महाकुंभ के सातवें संस्करण के मौके पर हमने फैसला लिया है कि ज्योतिष विद्या को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के साथ कंप्यूटर साइंस से जोड़ने के लिए भी कार्य किए जाएंगे।