Kedarnath: वन विभाग ने मंदाकिनी नदी के दायीं तरफ पैदल बाईपास निर्माण पर जताई आपत्ति, रोका गया काम

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31 जुलाई को आई आपदा के बाद से सोनप्रयाग से लगभग एक किमी आगे रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर 150 मीटर क्षेत्र में पहाड़ी से भारी भूस्खलन हो रहा है।

Kedarnath News Forest department raised objection on construction of pedestrian bypass work stopped

गौरीकुंड तक सुरक्षित पैदल पहुंच के लिए सोनप्रयाग से मंदाकिनी नदी के दायीं तरफ चल रहे पैदल बाईपास के निर्माण कार्य को वन विभाग ने रुकवा दिया है। वन विभाग ने सेंचुरी क्षेत्र में यह निर्माण कार्य होना बताते हुए इस पर आपत्ति लगा दी। जिसके चलते करीब 1.5 किमी लंबे और लगभग 1.75 मीटर चौड़े पैदल बाईपास का काम अधर में लटक गया है। कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग ने इस संबंध में जिला प्रशासन को सूचना दे दी है।

31 जुलाई को आई आपदा के बाद से सोनप्रयाग से लगभग एक किमी आगे रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर 150 मीटर क्षेत्र में पहाड़ी से भारी भूस्खलन हो रहा है। यहां पहाड़ी से बोल्डर व मलबा गिरने से जानमाल का खतरा बना है साथ ही हाईवे को भी व्यापक क्षति पहुंच रही है। यहां, कुछ दिन पूर्व भूस्खलन की चपेट में आने से केदारनाथ से लौट रहे पांच यात्रियों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद, प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा के इंतजाम को लेकर एनएच को जरूरी निर्देश भी दिए गए हैं, लेकिन अभी स्थिति जस की तस बनी है।

दूसरी तरफ भूस्खलन जोन से यात्रियों की आवाजाही न हो इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने दो सप्ताह पहले सोनप्रयाग बाजार से मंदाकिनी नदी के दायीं तरफ से पैदल बाईपास का निर्माण कार्य शुरू किया था।

1.5 किमी लंबे और 1.8 मीटर चौड़े बाईपास के निर्माण में लोक निर्माण विभाग के 70 मजदूर लगे हुए थे। इस बाईपास को हाईवे से जोड़ने के लिए मंदाकिनी नदी पर दो पुलिया भी बनना प्रस्तावित है। जिसमें एक का कार्य चल रहा था, लेकिन केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने पैदल बाईपास का कार्य रोक दिया है। विभाग ने सेंचुरी क्षेत्र होने के कारण कार्य पर आपत्ति जताई है, जिसके बाद से निर्माण कार्य बंद पड़ा है। साथ ही यात्रियों को भूस्खलन जोन से ही गुजरना पड़ रहा है।इधर, लोनिवि के ईई विनय झिक्वांण ने बताया कि बाईपास का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका था। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की आपत्ति के बाद से कार्य बंद कर दिया गया है। इस संबंध में जिला प्रशासन को मौखिक के साथ लिखित में भी अवगत करा दिया गया है।

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