Uttarakhand: राज्य में बनेंगी तीन नई जेल, सेंट्रल जेल सितारगंज का होगा विस्तार, जल्द शुरू होगा निर्माण
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उत्तराखंड में क्षमता से अधिक कैदियों की संख्या को देखते हुए नई और पुरानी जेलों के विस्तार के प्रस्ताव ने गति पकड़ ली है। इसी क्रम में चंपावत और पिथौरागढ़ में जेल निर्माण के लिए मंजूरी मिल गई है। जबकि, उत्तरकाशी में जेल निर्माण के लिए भूमि मिल चुकी है। इस तरह इन तीन नई जेलों का निर्माण जल्द शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही सेंट्रल जेल सितारगंज के विस्तार को भी गृह विभाग को मुख्यमंत्री की ओर से मंजूरी मिल चुकी है। यहां पर 300 कैदियों के लिए बैरिक आदि का निर्माण किया जाना है।
गृह सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि उत्तरकाशी में जेल निर्माण के लिए अब जमीन मिल चुकी है। जबकि, चंपावत में जेल निर्माण के लिए मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही पिथौरागढ़ में भी जेल निर्माण के लिए मंजूरी मिल चुकी है। सितारगंज सेंट्रल जेल में वर्तमान में 552 कैदियों को रखने की क्षमता है। इसमें 300 कैदियों के लिए विस्तार किया जाएगा। इसके लिए भी मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही इन सभी जगहों पर जेल निर्माण का काम भी शुरू कर दिया जाएगा।
तीन जगह आवासीय सुविधाएं बढ़ेंगी
गृह सचिव ने बताया कि जेल परिसर में अधिकारियों और कर्मचारियों के आवास की सुविधाओं को भी बढ़ाया जा रहा है। इनमें प्रथम चरण में देहरादून की सुद्धोवाला, हरिद्वार और अल्मोड़ा जेल को चुना गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में आवासीय भवन निर्माण के लिए बजट भी मिल चुका है। यहां भी जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।
ये है प्रमुख जेलों की स्थिति
जेल- क्षमता- कैदियों की संख्या
अल्मोड़ा- 102 291
नैनीताल- 71 143
देहरादून- 580 1122
हल्द्वानी- 635 1188
सेंट्रल जेल सितारंगज- 552 860
टिहरी- 150 198
रुड़की- 244 319
हरिद्वार – 888 1120
पौड़ी- 150 160
यहां हैं क्षमता से कम
उत्तराखंड की दो जेल ऐसी भी हैं जहां पर क्षमता से कम कैदियों को रखा गया है। इनमें खुली जेल सितारगंज में 300 कैदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन यहां पर 45 कैदी ही हैं। ये सभी सजायाफ्ता कैदी हैं। इसके साथ ही चमोली जेल की क्षमता 169 कैदियों की है। जबकि, यहां पर 120 कैदी बंद हैं।