8 June 2025

Uttarakhand: राज्य में बनेंगी तीन नई जेल, सेंट्रल जेल सितारगंज का होगा विस्तार, जल्द शुरू होगा निर्माण

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मौजूदा वक्त में उत्तराखंड में 11 जेल हैं। इनमें सितारगंज में एक शिविर कारागार (ओपन जेल) भी शामिल है। पूरे प्रदेश की इन जेलों की क्षमता 3541 कैदियों की है। लेकिन, इनमें क्षमता से करीब डेढ़ गुना 5521 कैदी बंद हैं।

Three New jails will be built in Uttarakhand Central Jail Sitarganj will be expanded

उत्तराखंड में क्षमता से अधिक कैदियों की संख्या को देखते हुए नई और पुरानी जेलों के विस्तार के प्रस्ताव ने गति पकड़ ली है। इसी क्रम में चंपावत और पिथौरागढ़ में जेल निर्माण के लिए मंजूरी मिल गई है। जबकि, उत्तरकाशी में जेल निर्माण के लिए भूमि मिल चुकी है। इस तरह इन तीन नई जेलों का निर्माण जल्द शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही सेंट्रल जेल सितारगंज के विस्तार को भी गृह विभाग को मुख्यमंत्री की ओर से मंजूरी मिल चुकी है। यहां पर 300 कैदियों के लिए बैरिक आदि का निर्माण किया जाना है।

बता दें कि मौजूदा वक्त में उत्तराखंड में 11 जेल हैं। इनमें सितारगंज में एक शिविर कारागार (ओपन जेल) भी शामिल है। पूरे प्रदेश की इन जेलों की क्षमता 3541 कैदियों की है। लेकिन, इनमें क्षमता से करीब डेढ़ गुना 5521 कैदी बंद हैं। इनमें 3307 विचाराधीन और 2259 सजायाफ्ता कैदी शामिल हैं। पिछले साल आई इंडिया जस्टिस की रिपोर्ट में उत्तराखंड की जेलों को देश में सबसे अधिक ओवरक्राउडेट (भीड़) बताया गया था। हालांकि, इससे पहले ही गृह विभाग प्रदेश में जेलों की क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रहा था। जेल विभाग से इसके लिए नई जेल और पुरानी जेलों के विस्तार के लिए प्रस्ताव भी मांगे गए थे। इनमें उत्तरकाशी, चंपावत और पिथौरागढ़ जिले शामिल थे। इसके लिए उत्तरकाशी में जेल निर्माण के लिए मंजूरी मिल चुकी थी। लेकिन, जमीन फाइनल नहीं हुई थी।

गृह सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि उत्तरकाशी में जेल निर्माण के लिए अब जमीन मिल चुकी है। जबकि, चंपावत में जेल निर्माण के लिए मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही पिथौरागढ़ में भी जेल निर्माण के लिए मंजूरी मिल चुकी है। सितारगंज सेंट्रल जेल में वर्तमान में 552 कैदियों को रखने की क्षमता है। इसमें 300 कैदियों के लिए विस्तार किया जाएगा। इसके लिए भी मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही इन सभी जगहों पर जेल निर्माण का काम भी शुरू कर दिया जाएगा।

तीन जगह आवासीय सुविधाएं बढ़ेंगी
गृह सचिव ने बताया कि जेल परिसर में अधिकारियों और कर्मचारियों के आवास की सुविधाओं को भी बढ़ाया जा रहा है। इनमें प्रथम चरण में देहरादून की सुद्धोवाला, हरिद्वार और अल्मोड़ा जेल को चुना गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में आवासीय भवन निर्माण के लिए बजट भी मिल चुका है। यहां भी जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।

ये है प्रमुख जेलों की स्थिति

जेल-                         क्षमता-    कैदियों की संख्या
अल्मोड़ा-                    102        291
नैनीताल-                     71         143
देहरादून-                     580       1122
हल्द्वानी-                       635       1188
सेंट्रल जेल सितारंगज-      552       860
टिहरी-                         150        198
रुड़की-                         244       319
हरिद्वार –                        888      1120
पौड़ी-                            150       160

यहां हैं क्षमता से कम
उत्तराखंड की दो जेल ऐसी भी हैं जहां पर क्षमता से कम कैदियों को रखा गया है। इनमें खुली जेल सितारगंज में 300 कैदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन यहां पर 45 कैदी ही हैं। ये सभी सजायाफ्ता कैदी हैं। इसके साथ ही चमोली जेल की क्षमता 169 कैदियों की है। जबकि, यहां पर 120 कैदी बंद हैं।