श्रीदेव सुमन विवि: खटाखट नंबर पर कुलपति सख्त, परीक्षा नियंत्रक मुक्त, शिक्षक 10 साल के लिए होंगे डिबार

विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. वीपी श्रीवास्तव ने बीते 22 जून को विवि के कुलपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया था, लेकिन विवि की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन संबंधी कार्य के चलते उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया था।

गलत जवाब पर भी खटाखट नंबर देने का मामले में सूचना आयोग की सख्ती के बाद बुधवार को श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी सख्त हो गए। उन्होंने विवि के परीक्षा नियंत्रक को कार्यमुक्त कर दिया तो लोक सूचना अधिकारी भी बदल दिया। मूल्यांकन में गलती करने वाले शिक्षकों को 10 साल के लिए डिबार किया जाएगा। इस गड़बड़ी की जांच को उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन कर दिया गया है।
विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. वीपी श्रीवास्तव ने बीते 22 जून को विवि के कुलपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया था, लेकिन विवि की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन संबंधी कार्य के चलते उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया था। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लगातार मिल रही गड़बड़ी की शिकायतों और राज्य लोक सूचना आयुक्त योगेश भट्ट के आदेशों के बाद कुलपति प्रो. एनके जोशी ने परीक्षा नियंत्रक को कार्यमुक्त कर दिया। उनकी जगह विवि के ऋषिकेश परिसर के वाणिज्य संकाय के प्रो. चतर सिंह नेगी को अग्रिम आदेशों तक विश्वविद्यालय का परीक्षा नियंत्रक बना दिया गया है।
कुलपति ने सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ. हेमंत बिष्ट से लोक सूचना अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार वापस लेते हुए ऋषिकेश परिसर में केमिस्ट्री के शिक्षक डॉ. राकेश कुमार जोशी को उपकुलसचिव व लोक सूचना अधिकारी का प्रभार दे दिया है। कुलपति प्रो. जोशी ने बताया कि मूल्यांकन में गलती करने वाले परीक्षकों को आगामी 10 वर्षो के लिए विश्वविद्यालय के कार्यों से प्रतिवारित (डिबार) का आदेश दिया गया है। इनके खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए निदेशक उच्च शिक्षा को पत्र भेज दिया गया है। साथ ही मूल्यांकन की गड़बड़ियों की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन भी कर दिया गया है।