8 June 2025

सबके राम: मैं दूंगी राम मंदिर के लिए सबसे पहले कुर्बानी…वृद्धा का उत्साह देखकर जब हैरान रह गए थे निशंक

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पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री व सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने राम मंदिर आंदोलन से जु़ड़ी अपनी यादें साझा कीं। बताया कि उन दिनों मैं उत्तरप्रदेश विधानसभा का सदस्य था। केंद्रीय नेतृत्व ने हमें पहाड़ में राम जन्मभूमि आंदोलन को जनता के बीच ले जाने का दायित्व दिया था।

Ram Mandir Former Union Education Minister Dr. Nishank shared memories related to Ram Janmabhoomi movement

राम जन्मभूमि का आंदोलन अपने चरम पर था। हम रुद्रप्रयाग के पास एक गांव में आंदोलन के पक्ष में जन समर्थन जुटा रहे थे। वहां एक ताई (वृद्धा) मेरे पास आई और बोली कि राम मंदिर के लिए सबसे पहले मैं कुर्बानी दूंगी। उनका यह जोश और उत्साह देखकर मैं हैरान रह गया। वह अपने साथ महिलाओं की फौज लेकर आईं थीं।

सभी महिलाएं भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए अपना कुछ न कुछ सहयोग देने के लिए उत्सुक थीं। उन दिनों मैं उत्तरप्रदेश विधानसभा का सदस्य था। केंद्रीय नेतृत्व ने हमें पहाड़ में राम जन्मभूमि आंदोलन को जनता के बीच ले जाने का दायित्व दिया था। हम गांव-गांव जाते और सभाएं करते। पूरे पहाड़ में हम घूमते रहे।

पुलिस हर वक्त हमें गिरफ्तार करने की योजना बनाती थी। हम कभी भी एक स्थान पर नहीं रहते थे। हमें केंद्रीय नेताओं के निर्देश थे कि आंदोलन की पहली पांत में खड़े जो नेता नेतृत्व कर रहे हैं, उन्हें किसी भी हाल में गिरफ्तार नहीं होना है। लीडरशिप की गिरफ्तारी से आंदोलन पर असर पड़ने का खतरा था। इसलिए हम वेश बदलते। कभी एक स्थान पर नहीं रहते। स्थान बदलते रहते।

योजनाबद्ध ढंग से आगे बढ़ा रहा था आंदोलन
हम जब गांवों में जाते तो भगवान राम और अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए लोगों का जुनून देखकर हतप्रभ रह जाते। उनकी यह जुनून हमें आंदोलन को और अधिक सक्रिय करने की प्रेरणा देता था। हम जानते थे कि यह आंदोलन लंबा चलेगा। इसलिए हम योजनाबद्ध ढंग से आंदोलन को आगे बढ़ा रहे थे। जब कार सेवक अयोध्या जाने लगे तो पुलिस ने उनकी धर-पकड़ शुरू कर दी। पुलिस हमें भी तलाश रही थी। लेकिन हम गुप्त ठिकानों में जाकर आगे की योजना बनाते थे। कहां सभाएं होंगी, कहां आंदोलन से जुड़े लोगों को जनसंपर्क करना होगा।

पूरी दुनिया के लिए राम एक आदर्श पुरुष

हम इस बात को लेकर तो आश्वस्त थे कि राम जन्मभूमि पर अपना अधिकार ले लेंगे, लेकिन वहां एक दिव्य और भव्य मंदिर का निर्माण इतने रिकॉर्ड समय में हो जाएगा, इसका अंदाजा नहीं था। आज अयोध्या में रामलला विराजमान होने जा रहे हैं। 22 जनवरी की तारीख तय हो चुकी है। प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम बेशक अयोध्या में होगा, लेकिन समूचे राष्ट्र के करोड़ों लोग इस दिव्य दिवस के समारोह में अपने-अपने ढंग से शामिल होंगे। यह सच्चाई है कि पूरी दुनिया के लिए राम एक आदर्श पुरुष हैं। वह पुरुषों में उत्तम हैं। उन्हें जिस रूप में देखना चाहें, उस रूप में वह प्रेरणादायी हैं। (डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री व सांसद)